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विभाग के बारे में

भूमंडलीकरण के युग में अर्थशास्त्र विषय अध्ययन के सबसे महत्वपूर्ण और प्रासंगिक क्षेत्र के रूप में उभरा है। तदनुसार वर्ष 1989 में अर्थशास्त्र विभाग स्थापित हुआ, विभाग का उद्देश्य शैक्षणिक और कॉर्पोरेट जगत हेतु अच्छे अर्थशास्त्री और वित्तीय विश्लेषक तैयार करना है। गुणवत्तायुक्त शिक्षण विभाग का महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस हेतु विभाग निरंतर समसमायिक और प्रासांगिक मुद्दों पर शिक्षाविदों और प्रख्यात अर्थशास्त्रियों का आमंत्रित व्याख्यान आयोजित करता है। विभाग सक्रिय रूप से अनुसंधान और विकास की गतिविधियों में लगा हुआ है। विभाग प्राथमिक सर्वेक्षण और अनुसंधान के माध्यम से नीति निर्माताओं, प्रशासकों और उद्योगपतियों को सूचनाऐं एवं आंकड़े प्रदान करता है। केन्द्रीय ग्रंथालय के अलावा विभाग के विद्यर्थियों के लिये समृद्ध विभागीय पुस्तकालय उपलब्ध है। विभाग में सेमिनार प्रश्नमंच, सामूहिक विचार विमर्श लेख लेखन, परियोजना लेखन जैसे कार्यक्रम का निरंतर आयोजन किया जाता है। शोधार्थियों द्वारा अपने शोध काये से संबंधित रिसर्च पेपर का प्रकाशन विभिन्न ख्याति प्राप्त पत्र-पत्रिकाओं में किया गया है, तथा कई छात्र-छात्राओं द्वारा नेट-स्लेट परीक्षा उत्तीर्ण की गई है।

विभाग के कई छात्र-छात्राओं को राजीव गांधी फैलोशिप प्राप्त हुई है। उल्लेखनीय है कि अर्थशास्त्र विभाग द्वारा समय-समय पर ज्वलंत मुद्दों पर सेमिनार, सम्मेलन और कार्यशालाओं का जो आयोजन किया गया उनमें प्रमुख हैः यू.जी. सी. गोल्डन जुबली नेशनल सेमिनार, छत्तीसगढ़ आर्थिक परिषद की प्रथम वार्षिक कांफ्रेंस, एडवांस रिसर्च मैथ्डोलॉजी एंड कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय पर नेशनल वर्कशॉप, वूमेन इंटरप्नोयरशिप विकास पर कार्यशाला का आयोजन आदि। इस प्रकार विभाग ने उद्यमिता विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहां शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों द्वारा उत्कृष्ट रोजगार प्राप्त किया गया है। विभिन्न राज्यों की प्रतिष्ठित कंपनियों एवं महाविद्यालयों में छात्र-छात्राएं अपनी सेवाएं दे रहे है। तथा कुछ छात्रों ने स्वयं का व्यवयाय भी स्थापित किया है।

विभाग के शिक्षकों ने भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है। हमें गर्व है कि हम अपने सामूहिक प्रयासों से लगातर छात्रों के उज्जवल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।

BOS

BOS 13.07.18

BOS 15.12.17

BOS 02.11.16

BOS 07.08.15

       

Programme Objectives, Course Objectives and Programme Specific Objectives